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लॉर्ड लखेश्वर की मान्यता जीरो, प्रशासन करेगा स्कूल मे तालाबंदी, बच्चे होगें शिफ्ट

  लॉर्ड लखेश्वर की मान्यता जीरो, प्रशासन करेगा स्कूल मे तालाबंदी, बच्चे होगें शिफ्ट   शिवपुरी। शिवपुरी जिले का सबसे विवादित लॉर्ड लखेश्वर स्...

 लॉर्ड लखेश्वर की मान्यता जीरो, प्रशासन करेगा स्कूल मे तालाबंदी, बच्चे होगें शिफ्ट  



शिवपुरी। शिवपुरी जिले का सबसे विवादित लॉर्ड लखेश्वर स्कूल की मान्यता जीरो हो चुकी है। स्कूल की मान्यता शिक्षा सत्र 2024-2025 तक थी इस वर्ष के शिक्षा साल के लिए इस स्कूल की मान्यता को "रिन्यूअल"नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि सरकारी भूमि पर बने प्राइवेट लॉर्ड लखेश्वर स्कूल को नगर परिषद ने एनओसी जारी नहीं की है,

इस एनओसी वाले प्रकरण को ज्वाइंट डायरेक्टर ग्वालियर ने भी प्रथम अपील निरस्त कर दी है। अब भोपाल में आयुक्त के समक्ष द्वितीय अपील की गई थी,लेकिन यह आयुक्त ने इस अपील को निरस्त कर दिया है अब इस स्कूल की मान्यता समाप्त हो चुकी है। स्कूल की मान्यता निरस्त हो जाने से करीब 1200 छात्र-छात्राओं के भविष्य से नवीनीकरण निरस्त होता नजर आ रहा है।

जानकारी के मुताबिक बैराड़ नगर में पटवारी हल्का कालामढ़ के सरकारी सर्वे नंबर 872 में निजी लॉर्ड लखेश्वर स्कूल सालों से संचालित है। स्कूल की मान्यता शिक्षण सत्र 2024-25 तक के लिए थी जो मार्च 2025 में खत्म हो गई है। स्कूल प्रबंधन ने मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन किया, लेकिन आवेदन के साथ किरायानामा व स्कूल के नाम से संबंधित जमीन के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। नतीजा संयुक्त संचालक ग्वालियर ने मान्यता नवीनीकरण आवेदन निरस्त कर दिया है। आवेदन निरस्त होने पर स्कूल प्रबंधन ने आयुक्त भोपाल के समक्ष अपील की है, लेकिन मामला नगर परिषद की एनओसी पर आकर अटका हुआ है। सरकारी जमीन में स्कूल भवन है। खसरे में स्कूल संचालक अथवा संस्था का नाम कहीं दर्ज नहीं है।

175 बीघा का रकबा, खेल मैदान की 5 बीघा जमीन भी गायब

बैराड़ के कालामढ़ हल्के में सर्वे नंबर 872 की करीब 175 बीघा जमीन है। उक्त खसरे में से सर्वे नंबर 872/4/1 रकबा 1 हेक्टेयर खेल मैदान के लिए आवंटित है, लेकिन मौके पर पांच बीघा का खेल मैदान भी गायब है। वहीं सर्वे नंबर 872/4/2 रकबा 0.05 हेक्टेयर राजीव गांधी स्कूल के लिए आवंटित है, लेकिन इस नाम से स्कूल का मौके पर कोई अता-पता नहीं है।

लखेश्वर हासे स्कूल बैराड़ रिकार्ड ही प्रस्तुत नहीं कर रहे

हमारी नगरीय सीमा में जिस जमीन पर प्राइवेट स्कूल संचालित है, वह जमीन सरकारी है। स्कूल संचालक जमीन से संबंधित रिकार्ड ही प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। हमारे पास 8-10 महीने एनओसी के लिए आवेदन आया था। नगर परिषद से हम एनओसी जारी नहीं कर सकते।

बाबूलाल कुशवाहा, सीएमओ, नगर परिषद बैराड़

मान्यता निरस्त होने की प्रमुख वजहें

भूमि व भवन के पंजीकृत अभिलेख का अभाव,योग्य प्रशिक्षित शिक्षक की कमी, अग्निशमन प्रमाण पत्र न होना, दिव्यांग शौचालय,शुद्ध पेयजल और मानदंडों का पालन न होना।

इधर स्कूल में वर्तमान समय में करीब 1200 बच्चों को स्कूल संचालक ने बच्चों व उनके अभिभावकों को भ्रम में रखते हुए प्रवेश दे दिया और अभी उनकी पढ़ाई भी जारी है। ऐसे में अब यह बच्चे स्कूल बंद होने के बाद कैसे और कहां पर प्रवेश लेंगे। यह बड़ी समस्या बन गई है। चूंकि स्कूल की मान्यता पूरे तरीके से निरस्त हो गई है। साथ ही शिक्षा विभाग अपने स्तर पर इसमें कार्रवाई भी करेगा।

उक्त स्कूल की मान्यता सभी जगह से निरस्त हो गई है। उस स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही स्कूल संचालक के खिलाफ भी शासन से मिले निर्देशों के तहत कार्रवाई होगी।                        विवेक श्रीवास्तव,डीईओ,शिक्षा विभाग,शिवपुरी।

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