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उज्जैन में माता का एक दरबार ये भी जहाँ माँ को लगाया जाता है मदिरा का भोग,देखिये खबर

  उज्जैन ।शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी आज उज्जैन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए सुबह से नगर पूजा की जा रही है। चौबीस खंभा माता मंदिर में कले...

 

उज्जैन ।शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी आज उज्जैन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए सुबह से नगर पूजा की जा रही है। चौबीस खंभा माता मंदिर में कलेक्टर आशीष सिंह माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग अर्पित कर नगर पूजा की शुरुआत की। इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल शहर के विभिन्न कोणों में स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना हो गए। शहर में 27 किमी लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगाई जा रही है।

नगर पूजा में सबसे आगे चार ढोल चल रहे हैं, पीछे धर्म ध्वजा के साथ तांबे का पात्र लिए कोटवारों का दल चल रहा है। पात्र में मदिरा भरी हुई है, इससे रास्ते भर मदिरा की धार लगाई जा रही है। 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर करीब 25 लीटर शराब चढ़ाई जाएगी। साथ ही भजिए, पुरी, भिगोए हुए गेहूं व चने अर्पित किए जा रहे हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर नगर की सुख-समृद्धि के लिए उज्जैन के राजा सम्राट विक्रमादित्य भी नगर पूजा किया करते थे। यह परंपरा तभी से चली आ रही है।

हांड़ी फोड भैरव मंदिर पर होगा समापन

चौबीस खंभा माता मंदिर से नगर पूजा की शुरुआत होगी। इसके बाद शासकीय दल अनेक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा करते हुए चलेंगे। नगर पूजा में 12 से 14 घंटे का समय लगेगा। रात करीब नौ बजे गढ़कालिका क्षेत्र स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नगर पूजा संपन्न होगी।

शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे पूजा

शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में दोपहर 12 बजे कलेक्टर आशीषसिंह व अन्य प्रशासनिक अधिकारी माता हरसिद्धि की पूजा की। माता हरसिद्धि को सौभाग्य सामग्री, साड़ी, श्रीफल, मिष्ठान आदि अर्पित कर पूजा-अर्चना की।

दोपहर 12 बजे हवन

हरसिद्धि मंदिर में नवरात्र की महाअष्टमी पर हवन अनुष्ठान की परंपरा है। आमतौर पर हवन महाअष्टमी की रात 12 बजे प्रांरभ होता है, लेकिन इस बार हवन दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ तथा रात आठ बजे तक चलेगा। प्रबंधक अवधेश जोशी ने बताया सोमवार को दिन में अष्टमी तिथि है, शाम को नवमी तिथि लग जाएगी। इसलिए तिथि काल में हवन शुरू हुआ व नवमी तिथि के स्पर्श में पूर्णाहुति होगी।

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