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नव युवा ने कठिन मानी जाने वाली श्रीखंड महादेव के दर्शन कर धर्म की प्रभावना को बढ़ाया

  नव युवा ने कठिन मानी जाने वाली श्रीखंड महादेव के दर्शन कर धर्म की प्रभावना को बढ़ाया सफल यात्रा होने पर यात्री संतोष कुशवाह का नगर में परि...

 नव युवा ने कठिन मानी जाने वाली श्रीखंड महादेव के दर्शन कर धर्म की प्रभावना को बढ़ाया

सफल यात्रा होने पर यात्री संतोष कुशवाह का नगर में परिजनों व समाजजनों ने किया स्वागत



शिवपुरी / शहर के एक नव युवा संतोष कुशवाह निवासी सुभाष कॉलोनी के द्वारा भगवान भोलेनाथ की कठिन यात्रा मानी जाने वाली श्रीखंड महादेव की सफल यात्रा कर अंचल शिवपुरी में धर्म की प्रभावना को बढ़ाया है और यात्रा पूर्ण होने के बाद जब संतोष गत दिवस शिवपुरी आए तो यहां उनके परिजनों एवं समाजजनों के द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस यात्रा के दौरान संतोष ने अपने अनुभव भी साझा किए और बताया कि श्रीखंड महादेव, जिसे पंच कैलाश में से एक माना जाता है, वह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है, यह यात्रा बहुत कठिन मानी जाती है और 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित 75 फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन के लिए की जाती है. श्रीखंड महादेव से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है जिसमें भस्मासुर नामक राक्षस से जुड़ा प्रसंग है। श्रीखंड महादेव यात्रा, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। 

यह है श्रीखंड महादेव से जुड़ी पौराणिक कथा

संतोष कुशवाह ने बताया कि श्रीखंड महादेव दर्शन से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, भस्मासुर नामक एक राक्षस ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की और उनसे वरदान मांगा कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। वरदान मिलने के बाद, भस्मासुर ने शिवजी को ही भस्म करने का प्रयास किया। भगवान शिव, भस्मासुर से बचने के लिए, श्रीखंड महादेव की गुफाओं में छिप गए। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके भस्मासुर को छल से उसी के वरदान का शिकार बनाया, जिससे भस्मासुर भस्म हो गया। इसके बाद, भगवान शिव श्रीखंड महादेव से बाहर आए और आज भी एक शिला रूप में वहां विराजमान हैं. 

यूं होती है श्रीखंड महादेव यात्रा

श्रीखंड महादेव की यात्रा के बारे में अपने अनुभव साझा करते हुए संतोष कुशवाह बताते हैं कि यह एक कठिन यात्रा है जो जुलाई के महीने में शुरू होती है और 32 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है, यात्रा के दौरान, श्रद्धालु कई पड़ावों से गुजरते हैं, जैसे कि जाओं, सिंहगाड, थाचडू, भीमदवारी, और नैन सरोवर से होकर जाना पड़ता है। यात्रा के दौरान यात्रा पर जाने से पहले, श्रद्धालुओं को श्रीखंड महादेव ट्रस्ट में पंजीकरण करवाना होता है, यात्रा के लिए मेडिकल जांच करवाना अनिवार्य है और गर्म कपड़े, जूते, छाता, रेनकोट, और जरूरी दवाएं साथ रखना आवश्यक है, इसके अलावा यात्रा के दौरान, श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।

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