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नपाध्यक्ष विरोधी पार्षद आज दोपहर कलेक्टर के समक्ष करेंगे अपने अविश्वास प्रस्ताव पर दर्ज हस्ताक्षर की पुष्टि

  नपाध्यक्ष विरोधी पार्षद आज दोपहर कलेक्टर के समक्ष करेंगे अपने अविश्वास प्रस्ताव पर दर्ज हस्ताक्षर की पुष्टि  -22 पार्षदों को किया गया है आ...

 नपाध्यक्ष विरोधी पार्षद आज दोपहर कलेक्टर के समक्ष करेंगे अपने अविश्वास प्रस्ताव पर दर्ज हस्ताक्षर की पुष्टि 

-22 पार्षदों को किया गया है आमंत्रित, देखना है इनमें से कितने अपने हस्ताक्षर की करते हैं पुष्टि






शिवपुरी। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को पद से हटाने की बागी पार्षदों की मुहिम आगे बढ़ती जा रही है और थमने का नाम नहीं ले रही। नगर पालिका के 39 पार्षदों में से 22 पार्षदों (जिनमें कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के पार्षद शामिल है) द्वारा कलेक्टर को नपाध्यक्ष को हटाने के लिए दिए गए आवेदन पर हस्ताक्षर किए हैं और इन हस्ताक्षरों की पुष्टि के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने 25 अगस्त को दोपहर ढाई बजे उन्हें अपने कार्यालय में आमंत्रित किया है। तमाम प्रयासों के बाद भी अध्यक्ष समर्थकों को इन बागी पार्षदों की बड़ी संख्या को फोडऩे में सफलता हांसिल नहंी हुई है और सूत्र बताते हैं कि कम से कम एक दर्जन पार्षद कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर अपने हस्ताक्षर की पुष्टि करेंगे। जो संख्या  नियमानुसार अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि बागी पार्षदों का दावा है कि कलेक्टर के समक्ष कम से कम 18 पार्षद उपस्थित होकर अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर की पुष्टि करेंगे। 

इस पूरे मुकाबले में भाजपा की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी हुई हैै। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा भाजपा की है और तत्कालीन पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की इच्छा से उनका निर्विरोध निर्वाचन तीन साल पहले हुआ था। हालांकि उन्हें भाजपा उम्मीदवार बनाने के लिए पार्षदों की सहमति नहीं ली गई थी। इस कारण भाजपा पार्षदों का एक बड़ा वर्ग शुरू से ही उनके खिलाफ था। जैसे-जैसे समय निकलता गया और नगर पालिका की समस्याओं से जनजीवन परेशान होने लगा तथा नगर पालिका प्रशासन पर न केवल भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे बल्कि वह जांच में प्रमाणित हुए इससे नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्र्मा की स्थिति कमजोर होती चली गर्ई। नपा उपाध्यक्ष सरोज रामजी व्यास शुरू से ही उनके विरोध में थी और उनके खैैमे में अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की संख्या धीरे-धीरे बढऩे लगी। अध्यक्ष के मुखर समर्थक रहे वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद ओम प्रकाश जैन ओमी और रघुवीर सिंह उर्फ राजू गुर्जर भी उनके वार्ड में विकास कार्य न करने से परेशान होकर उनके विरोधी हो गए। उनके विरूद्ध मजबूती से झण्डा बुलंद विजय बिंदास, नीलम अनिल बघेल, रीतू रत्नेश जैन डिम्पल, सरोज धाकड़ आदि पार्षदों ने किया। कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से इस गुट की ताकत और बढ़ गई। इसके बाद 22 पार्षदों ने बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पर सार्वजनिक रूप से शपथ लेकर एलान किया कि या  तो वह नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को पद से हटा देंगे और यदि  इसमें सफल नहीं हुए तो अपनी पार्षदी से इस्तीफा दे देंगे। इससे भाजपा में हड़कंप मच गया। पार्टी ने बागी पार्षदों को अध्यक्ष के विरूद्ध एक जुट होने से रोकने के लिए हर तरह से प्रयास किए और चर्चा यह भी चली कि कुछ अध्यक्ष विरोधी पार्षदों के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति एकत्रित करने के मामले की जांच की जाएगी। बागी पार्षदों को भोपाल में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी हड़काया और उनसे कहा कि अध्यक्ष के विरोध में सिर्फ 4-5 पार्षद हैं। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और पार्षद ओमी जैन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे भाजपा जिलाध्यक्ष उन्हें मनाने के लिए उनके निवास स्थान पर पहुंचे और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया तथा मामले को सुलझाने के लिए सात दिन का समय मांगा। लेकिन इसके बाद भी जब भाजपा ने कोई कार्यवाही नहीं की तो 22 बागी पार्षद कलेक्टर के यहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन लेकर पहुंच गए। इसके बाद भाजपा आलाकमान चेता और प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने भाजपा पार्षदों की बैठक बुलाई और अध्यक्ष विरोधी पार्षदों से कहा कि वह अपने पक्ष में 39 में से 30 पार्षदों के  हस्ताक्षर कराकर लाओ वहीं नपाध्यक्ष से अपने पक्ष में 15 पार्षदों के हस्ताक्षर कराने को कहा। निर्धारित समय में अध्यक्ष विरोधी पार्षद 30 के स्थान पर 31 पार्षदों के हस्ताक्षर करा लाए। लेकिन भाजपा ने फिर चुप्पी साध ली। इसके बाद न जाने किस प्रेरणा से कुछ भाजपा नेता सक्रिय हुए और उन्होंने अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की तोड़ फोड़ शुरू की। जिससे कुछ पार्षद अध्यक्ष के खैैमे में चले गए और बताया जाता है कि इनकी मदद से अध्यक्ष ने 16 पार्षदों के अपने पक्ष में हस्ताक्षर कराकर पत्र जिलाध्यक्ष को सौंप दिया। इससे भाजपा की मंशा साफ हो गई लेकिन बागी पार्षद झुकने को तैयार नहीं हुए और पुन: 11 पार्षद बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पहुंच गए और अपने निर्णय पर उन्होंने दृढ़ता व्यक्त की। भाजपा जिलाध्यक्ष के बागी पार्षदों को मनाने की प्रक्रिया का कोई परिणाम नहीं निकला और फिर कलेक्टर के आदेश पर आज 25 अगस्त को बागी पार्षदों की कलेक्ट्रेट में पेशी होगी। देखना यह है कि अब क्या इस घटनाक्रम में नया मोड़ आता है। क्या पार्टी के आदेश की अवहेलना हुई तो भाजपा अपने पार्षदों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए कोई कदम उठाती है अथवा नहीं यह देखना दिलचस्प रहेगा।  

वॉक्स:-

नपाध्यक्ष अपने समर्र्थक पार्षदों के साथ शहर से बाहर

वहीं नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने समर्थक पार्षदों के साथ शिवपुरी से बाहर गई हुई है। यहां तक की केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया के दौैरे के समय भी वह शिवपुरी में नहीं थी। यह बताया जाता है कि अध्यक्ष विरोधी पार्षदों में से भी कुछ उनके साथ हैं। इनमें मक्खन आदिवासी और वेदांत सविता का नाम लिया जा रहा है।  जहां तक अध्यक्ष समर्थक पार्षदों का सवाल है उनके नाम हैं अरविन्द ठाकुर, रामसिंह यादव, प्रदीप शर्मा, सुमन राजू बाथम, अमरदीप शर्मा,मीना श्याम लाल शाक्य, मीना मुकेश बाथम।

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