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बालाघाट जिले के पुरातत्व और पर्यटन प्रेमियों के लिए खुशी की खबर है

 बालाघाट मप्र / रिपोर्ट नमित शुक्ला/बालाघाट जिले के पुरातत्व और पर्यटन प्रेमियों के लिए खुशी की खबर है  जिला के धनसुआ में स्थित प्रसिद्ध गोस...

 बालाघाट मप्र / रिपोर्ट नमित शुक्ला/बालाघाट जिले के पुरातत्व और पर्यटन प्रेमियों के लिए खुशी की खबर है


 जिला के धनसुआ में स्थित प्रसिद्ध गोसाईं मंदिर शीघ्र ही नए स्वरूप में नजर आएगा। इसके जीर्णोद्वार के लिए शासन ने 44 लाख रुपए की राशि स्वीकृति की थी। वहीं निर्माण एजेंसी की टीम पर मंदिर स्थल पर पहुंच गई है, शीघ्र ही मंदिर का जीर्णोद्वार कार्य शुरू किया जा रहा है पुरातत्व संग्रहालय अध्यक्ष डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह गहरवार के नेतृत्व में डीएटीसीसी के तीन सदस्यी दल ने मौका स्थल का निरीक्षण किया, मंदिर समिति के साथ ही भोपाल व रीवा से पहुंचे निर्माण एजेंसी के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात कर आवश्यक चर्चाएं की। इस दौरान मंदिर का किस तरह से कायाकल्प किया जाएगा सहित अन्य मुद्दा पर चर्चा की गई। वहीं कलेक्टर डॉक्टर गिरीश मिश्रा से चर्चा के बाद निर्माण कार्य शुरू करवाए जाने की सहमति बनाई गई। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर गहरवार के साथ पर्यटन प्रबंधक एमके यादव, निशांत सिंह बैस आदि शामिल रहे।

बता दें कि 27 अक्टूबर 1980 को गोसाईं मंदिर अस्तित्व में आया था। इस प्राचीन मंदिर के संरक्षण के लिए निरंतर पत्राचार किए गए, पणिाम यह रहा कि राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल व अवशेष अधिनियम 1964 के तहत इसे राज्य संरक्षित घोषित किया। इसे शिव साधना का तांत्रिक मंदिर कहते है, स्थापत्य विद्या की दृष्टि से यह मंदिर 10वीं. शताब्दी का प्रतीत होता है।

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