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सरकारी अमले से वापस दिलाई आदिवासियों से ली रिश्वत

  संजय बेचैन ने सरकारी अमले से वापस दिलाई आदिवासियों से ली रिश्वत .......... सहरिया क्रांति की न्याय चौपाल मे वापस मिली आदिवासियों को रिश्वत...

 संजय बेचैन ने सरकारी अमले से वापस दिलाई आदिवासियों से ली रिश्वत

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सहरिया क्रांति की न्याय चौपाल मे वापस मिली आदिवासियों को रिश्वत की 5 लाख से अधिक की राशि

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जनमन आवास के नाम पर खजूरी मे ली थी आदिवासियों से मोटी रिश्वत

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रिश्वत मे लिए रुपए लौटाने का अनूठा मामला



शिवपुरी। प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना के अंतर्गत शिवपुरी जिले के सहरिया आदिवासी समुदाय के लोगों को मिले आवास पर भ्रष्ट तंत्र की गिद्ध नजरे गड़ी हुई हैं । ऐसा शायद ही कोई सहरिया आदिवासी हितग्राही हो जिसे बगैर रिश्वत दिए हुए किसी गांव में कुटीर की किस्त मिली हो। जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर के पास ढेरों शिकायत ग्रामीणों ने दर्ज कराई मगर किसी भी हितग्राही का रिश्वत में दिया हुआ पैसा अधिकारी वापस नहीं दिला सके और न ही जिन सरपंच सचिव और दलालों के विरुद्ध यह शिकायतें थीं उन पर कोई जांच ही बैठा सके हैं। वही सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने आदिवासियों से जनमन आवास योजना के अंतर्गत आई राशि में से मोटा हिस्सा हड़पने वाले सरपंच सचिव और उनके बिचोलिया से 5 लाख रुपए से अधिक की राशि न्याय चौपाल लगाकर वापस कराई । रिश्वत की राशि वापस होने पर सहरिया आदिवासियों ने जमकर खुशी मनाई । 5 लाख राशि सरपंच सचिव और दलाल से आदिवासियों को वापसी की सूचना सहरिया क्रांति संयोजक ने पुलिस को दी है । इसी रेकिट पर अभी अमरखोआ गाँव के आदिवासियों की कुटीर की राशि भी है ,जिसकी जानकारी जनपद अधिकारियों को दी गई है मगर अभी तक कोई कार्यवाही नही की जाना संलिप्तता दर्शाता है ।इस मामले मे जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार शिवपुरी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम खजूरी केसहरिया आदिवासी समुदाय के लोग सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन के पास आए और उन्होंने बताया कि हमारी जनमन आवास की किस्त आते का सरपंच पति,सचिव और उनका बिचोलिया हमसे बैंक के बाहर ही छीन लेता है । जिसकी यह मकान की किस्त आई है उन सभी से खजूरी के इन जिम्मेदार लोगों ने किसी से 30000तो किसी से 50000 रुपए छीने हैं । इतना पैसा रिश्वत में देने के बाद हम अपने मकान कैसे बनाएं यह समझ में नहीं आ रहा है। उधर जनपद पंचायत के अधिकारी हमें मकान बनाने के लिए विवश कर रहे हैं।इस घटना की जानकारी सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने वरिष्ठ पुलिस तक भी पहुंचाई। पुलिस ने सचिव और दलाल को बुलाकर कोतवाली मे पूछताछ तो की मगर मामला जनपद पंचायत का होने के कारण पुलिस कायमी करने से कन्नी काट गई । इसके बाद खजूरी के सभी आदिवासी शिवपुरी सहरिया क्रांति संयोजक के पास आए और वे रिश्वतखोरों के विरुद्ध आंदोलन व अनशन को कलेक्टर कार्यालय जाने की तैयारी कर रहे थे तभी सरपंच पति, सचिव व दलाल ने आदिवासियों के पैर पकड़ लिए व माफी मांगते हुये उनको रिश्वत मे ली राशि 2 घंटे मे वापस करने का आश्वाशन दिया । कुछ ही देर बाद सहरिया क्रांति संयोजक के निवास पर आए आदिवासियों को रिश्वत मे ली गई राशि वापस लौटा दी । जिले मे ये पहला उदाहरण है जब आदिवासियों को कुटीर योजना मे ली गई रिश्वत की राशि वापस हुई है । अपनी आवास की राशि वापस होने पर आदिवासी बहुत ही खुश नजर आए , सभी का कहना था की ये पैसे वापस मिलेंगे हमने सोचा भी नहीं था ।सभी ने सहरिया क्रांति का आभार माना है ।

 *इनको वापस मिली रिश्वत मे दी हुई राशि* 

दीपा आदिवासीपत्नी पंचम आदिवासी को ₹20000रुपए

रामवती आदिवासी कल आदिवासी को ₹25000रुपए

नीलम आदिवासी उत्तम आदिवासी को ₹10000रुपए

प्रकाश आदिवासी पुत्र गजन लाल आदिवासी को ₹ 20000 रुपए

रामवीर आदिवासी पुत्र रामदास आदिवासी को₹20000 रुपए

अनारकली आदिवासी पत्नी राजाराम आदिवासी को ₹ 10000 रुपए

सुनील आदिवासी पुत्र रामदास आदिवासी को ₹ 30000रुपए

सीमा आदिवासी पत्नी लव को आदिवासी को₹ 20000रुपए

काजल आदिवासी पत्नी सनी आदिवासी को ₹ 20000रुपए

इंद्र आदिवासीपुत्र मंगल आदिवासी को ₹ 20000रुपए

सोमवती आदिवासी पत्नी पुनना आदिवासी को ₹15000रुपए

दिलीप आदिवासी पुत्र बृजलाल आदिवासी को ₹ 20000रुपए

रजनी आदिवासी पत्नी कलीराम आदिवासीको ₹ 20000रुपए

राम भाई आदिवासी पुत्र बबलू आदिवासी को₹ 15000रुपए

राहुल आदिवासी पुत्र हरिया आदिवासी को₹ 30000 रुपए

सोमवती आदिवासी पत्नी जगदीश आदिवासी को₹20000 रुपए वापस हुये।

 *अमरखोआ गाँव के भी हैं अभी रुपए* 

सहरिया क्रांति सदस्यों ने बताया कि कुटीर के नाम पर पूरे जिले में अंधी वसूली चल रही है कुछ आदिवासी भय वश दलाल और सरपंच सेकेट्री का नाम नहीं ले पा रहे हैं। अमर खोआ गांव में भी जनमन आवास योजना के हितग्राहियों से 20000 से ₹50000 तक की रिश्वत इस सफेदपोश गिरोह ने ली है। सहरिया क्रांति की मांग पर जिसकी जांच भी जनपद पंचायत के अधिकारी कर रहे हैं मगर अभी तक ना तो जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही हुई है और न ही गरीबों का पैसा वापस हुआ है । सहरिया क्रांति के अजय आदिवासी का कहना है इस पूरे खेल में जिला पंचायत के बड़े अफसर और जनपद के कर्ताधर्ता भी शामिल हैं। इसी वजह सेअभी तक यह कार्रवाई से अछूते बने हुए हैं।

 *इनका कहना है -* 

ग्राम पंचायत खजूरी में किया गया लाखों रूपये का भष्टाचार

ग्राम पंचायत खजूरी में आदिवासी परिजनों के साथ लाखों रूपये की घूस वसूलकर जिस प्रकार से भ्रष्टाचार का बंदरबांट ग्राम पंचायत खजूरी के सचिव रोशन कुमार वशिष्ठ व उनके सहयोगी अजीत शर्मा के द्वारा किया गया है तो यह बर्दाश्त योग्य नहीं है, हालांकि इस मामले में जिला पंचायत शिवपुरी की ओर से संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है बाबजूद इसके मांग करते है कि ऐसे भ्रष्ट पंचायत सचिव को निलंबित करते हुए बर्खास्त किया जाए ताकि आगे से कोई आदिवासियों के अधिकारों पर डाका ना मारे और भ्रष्टाचार करने को लेकर वह सौ बार सोचे भी, शासन स्तर से कार्यवाही होने के बाद भी हम जनपद शिवपुरी के अंतर्गत की अन्य पंचायतों में भी देखेंगें कि कहां क्या गलत हुआ है यदि कुछ गलत पाया जाता है तो संबंधित मामले की जांच कराते हुए उचित कार्यवाही कराई जाएगी।

-  हेमलता रघुवीर रावत,जनपद अध्यक्ष 

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