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शिवपुरी में "जूता राजनीति" का शर्मनाक मामला: युवक को सिर पर जूते रखकर मांगी माफी

  शिवपुरी में "जूता राजनीति" का शर्मनाक मामला: युवक को सिर पर जूते रखकर मांगी माफी शिवपुरी/ मध्य प्रदेश/ मध्य प्रदेश के शिवपुरी जि...

 शिवपुरी में "जूता राजनीति" का शर्मनाक मामला: युवक को सिर पर जूते रखकर मांगी माफी



शिवपुरी/ मध्य प्रदेश/ मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में "जूता राजनीति" का एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। पोहरी विधानसभा के बैराड़ कस्बे में एक वैश्य समाज के युवक सार्थक गुप्ता को कथित तौर पर अपने सिर पर जूते रखकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है, और राजनीतिक गलियारों में भी उबाल आ गया है।

"समझौता" या तालिबानी फरमान?

यह घटना बैराड़ के दुकानदार सार्थक गुप्ता और कुलदीप रावत के बीच हुए विवाद से जुड़ी है। बताया जाता है कि कुलदीप का दोस्त विजय, पूर्व पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा का करीबी है। रिपोर्ट के अनुसार, सुरेश राठखेड़ा ने इस विवाद में हस्तक्षेप किया और शनिवार को एक "समझौता" करवाया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस "समझौते" के तहत सार्थक को कुलदीप और छोटू रावत का जूता अपने सिर पर रखकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद मामले को रफा-दफा करने की बात कही गई।

भाजपा नेताओं की मौजूदगी

सार्थक को यह "सजा" दिए जाने का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया, जिसमें स्थानीय भाजपा नेताओं की मौजूदगी भी देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष धीरज व्यास, कमलेश तिवारी, जिला कार्यसमिति सदस्य विजय यादव, मंडल महामंत्री और पीड़ित के चाचा पवन गुप्ता, पार्षद पूरन राठौड़ सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। इस दौरान, बैराड़ टीआई रविशंकर कौशल का बयान आया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं, जो पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करता है।

 आरोप-प्रत्यारोप

रविवार सुबह पोहरी के कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस घटना को "तालिबानी फरमान" बताया और इसका आरोप खुले तौर पर पूर्व राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा पर लगाया। कुशवाह ने यह भी कहा कि घटना के समय राठखेड़ा का वाहन मौके पर मौजूद था, और वे इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे,दूसरी ओर, शिवपुरी के विधायक देवेंद्र जैन, जो स्वयं वैश्य समाज से हैं, ने दुकानदारों और समाज का समर्थन करते हुए एसपी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। हालांकि, उन्होंने सुरेश राठखेड़ा का नाम लेने से परहेज किया, इस बीच, शाम को पीड़ित सार्थक के चाचा पवन गुप्ता ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इस मामले में सुरेश राठखेड़ा का कोई लेना-देना नहीं है। यह बयान मामले को और उलझाता है,पूर्व मंत्री सुरेश राठखेड़ा ने भी बयान जारी किया है। उनका कहना है कि जब वे दिल्ली से लौट रहे थे, तब उन्हें ये लोग मिले थे और दोनों ही उनके परिवार के लोग हैं। उन्होंने दोनों के बीच बातचीत करवाई और वहां से निकल गए। उनके अनुसार, यह घटना उनके निकलने के बाद की है, और उनके सामने सिर पर जूता रखने वाली घटना घटित नहीं हुई।

राठखेड़ा परिवार पर दबंगई के आरोप

इस घटनाक्रम से यह भी सामने आया है कि पोहरी में पूर्व राज्यमंत्री के परिवार की "दबंगई" अभी भी जारी है। पिछले दिनों सुरेश राठखेड़ा के भतीजे पर भी कोर्ट रोड पर एक जूते की दुकान में घुसकर रंगदारी दिखाने का आरोप लगा था, जिसका ज्ञापन भी दुकानदारों ने एसपी को सौंपा था। इससे यह प्रतीत होता है कि राठखेड़ा परिवार के निशाने पर दुकानदार हैं।

पुलिस कार्रवाई और समाज की मांगें

मामले ने जब तूल पकड़ा, तो शिवपुरी वैश्य समाज के लोग विधायक देवेंद्र जैन के साथ सड़क पर उतर आए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मिलकर ज्ञापन सौंपा और जूता रखवाकर माफी मंगवाने वालों पर FIR दर्ज करने की मांग की। शुरुआती हिचकिचाहट के बाद, नगर रक्षा समिति के सोनाराम जाटव की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों पर धारा 295ए, 505(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद, पुलिस ने बैराड़ में आरोपी को गिरफ्तार कर जुलूस भी निकाला।

वैश्य समाज के बंधुओं ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि यह इंसानियत पर तमाचा है। उन्होंने मांग की कि केवल केस दर्ज करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि आरोपियों का जुलूस निकाला जाए, उनके घरों पर बुलडोजर चले और राजीनामे के लिए लिए गए ₹5 लाख लौटाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जा

इस मामले में पीड़ित सार्थक गुप्ता का कहना है, "जो कुछ हुआ उस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता, मैं खुश हूं कि किसी भी तरह विवाद शांत तो हो गया।" हालांकि, एडवोकेट संजीव बिलगैया ने कहा है कि भारतीय संविधान और भारतीय न्याय व्यवस्था में "सिर पर जूते रखवाकर" राजीनामा का कोई प्रावधान नहीं है, और कानून का उल्लंघन अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को भी शर्मनाक बताया है।

पूर्व जनपद अध्यक्ष पारम रावत और सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता ने भी घटना की कड़ी निंदा की है और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। राकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने तत्काल घटना की जानकारी श्रीमंत महाराज साहब (केंद्रीय मंत्री) को दी, जिन्होंने एसपी साहब को सभी अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यह घटना कानून के राज और सामाजिक न्याय पर गंभीर सवाल खड़े करती है, और देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।

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