कलेक्टर ने छुड़ाये खनन माफिया के छक्के 17 करोड़ का जुर्माना , चौधरी जी की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रमाण शिवपुरी/ जिल...
कलेक्टर ने छुड़ाये खनन माफिया के छक्के
17 करोड़ का जुर्माना , चौधरी जी की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रमाण
शिवपुरी/ जिले में अवैध खनन पर कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी के निर्देश पर की गई कार्रवाई न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह दर्शाती है कि प्रशासन अब खनन माफियाओं के खिलाफ पूरी सख्ती से कदम उठा रहा है। जिस ठेकेदार को लंबे समय से बेखौफ होकर सरकारी ज़मीन से मुरम निकालते हुए देखा जा रहा था, आज वह 17 करोड़ रुपये के जुर्माने और जब्त की गई मशीनों के कारण प्रशासन की सख्ती का शिकार बन गया है।
शिवपुरी जिले में लंबे समय से खनन माफिया बेलगाम थे। कई बार शिकायतें हुईं, लेकिन प्रभावशाली रसूखदारों व माइनिंग कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी जाती थी। लेकिन कलेक्टर चौधरी की दृढ़ इच्छाशक्ति ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिवपुरी में अब कानून का राज होगा, न कि माफियाओं का। रसद माफिया पर अभी कार्यवाही होना शेष है।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के सख्त निर्देश पर पुलिस, एसडीएम और तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा की संयुक्त टीम ने जिस तरह चार डंपर और एक पोकलेन मशीन जब्त की, वह यह दर्शाता है कि प्रशासन अब खनन माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। ठेकेदार प्रताप सिंह तोमर की बिल्डर कंपनी का खेल उजागर होना प्रशासन की सतर्कता का परिणाम है।*
क्या यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी❓
यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या अब प्रशासन अब सत्ताधारी उन बड़े मगरमच्छों तक भी पहुंचेगा जो इस पूरे अवैध खनन कारोबार के असली सूत्रधार हैं? अगर जिला प्रशासन इस दिशा में भी सख्त कदम उठाता है, तो यह शिवपुरी के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा।
कलेक्टर चौधरी की तारीफ क्यों❓
बिना दबाव के, निष्पक्ष कार्रवाई – प्रशासन ने यह कार्रवाई किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि कानून के दायरे में की।
तेजी से कार्रवाई – जब सूचना मिली तो तुरंत कार्रवाई हुई, जिससे खनन माफियाओं की योजना धरी रह गई।
➡भारी-भरकम जुर्माना – 17 करोड़ रुपये का जुर्माना बताता है कि प्रशासन अब नर्म रवैया अपनाने के मूड में नहीं है।
➡ मजबूत संदेश – अब अन्य अवैध खनन करने वालों को भी स्पष्ट संकेत मिल गया है कि प्रशासन सख्ती बरतने के लिए तैयार है।
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी की यह कार्रवाई न्याय और प्रशासनिक सख्ती की मिसाल बन सकती है, अगर इसे आगे भी इसी तरह लागू किया जाए। उम्मीद है कि जिला प्रशासन इसी गति से अन्य अवैध कारोबारियों, माफियाओं और रसूखदारों पर भी गाज गिराएगा। अगर ऐसा हुआ, तो शिवपुरी एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ सकता है। अंत में संजय बेचैन की राम राम....फिर मिलते हैं / जय हिन्द
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