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पीएम मोदी द्वारा बोया गया सुकन्या योजना का बीज, आज नारी सशक्तिकरण का सशक्त वटवृक्ष बना: सिंधिया

  नारी सशक्तिकरण की दिशा में केंद्रीय मंत्री सिंधिया की बड़ी पहल, सुकन्या समृद्धि योजना में निजी पैसे से खुलवाए 886 बालिकाओं के खाते, बच्चिय...

 नारी सशक्तिकरण की दिशा में केंद्रीय मंत्री सिंधिया की बड़ी पहल, सुकन्या समृद्धि योजना में निजी पैसे से खुलवाए 886 बालिकाओं के खाते, बच्चियों के माता- पिता को सौंपी पासबुक






शिवपुरी / गुना संसदीय क्षेत्र में अगले एक साल तक जन्म लेने वाली सभी बच्चियों के सुकन्या समृद्धि योजना में अपनी निजी राशि से खाते खुलवाएंगे सिंधिया

केंद्रीय संचार और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री एवं गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज गुना में डाक विभाग द्वारा आयोजित सुकन्या समृद्धि योजना पासबुक वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सिंधिया ने गुना संसदीय क्षेत्र की 886 बालिकाओं के अपनी निजी राशि से खुलवाए गए सुकन्या समृद्धि खातों की पासबुक बच्चियों के परिजनों को वितरित की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि मनुष्य का अस्तित्व ही मातृशक्ति की बदौलत है। उन्होंने कहा कि आज नारियों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है ताकि वे अपना भविष्य खुद तय कर सकें। 

पीएम मोदी द्वारा बोया गया सुकन्या योजना का बीज, आज नारी सशक्तिकरण का सशक्त वटवृक्ष बना: सिंधिया

सिंधिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बेटियों के सशक्तिकरण के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के रूप में जो बीज बोया था, आज वह वटवृक्ष के रूप में महिलाओं को छाया दे रहा है। डाक विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत आज देशभर में तीन करोड़ 60 लाख खाते खोले जा चुके हैं। आज इन खातों में 2 लाख करोड़ की राशि जमा है। वहीं गुना संसदीय क्षेत्र में अब तक 30 हजार खाते खुल चुके हैं। सिंधिया ने कहा कि उन्होंने 2 महीने पहले निर्णय लिया कि 1 मई 2025 से 1 मई 2026 तक जितनी बच्चियों का जन्म मेरे संसदीय क्षेत्र यानी गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में होगा उन सभी के खाते मैं अपनी निजी पैसे से खुलवाऊंगा। सिंधिया ने कहा कि मैंने बच्चियों के खाते खुलवाने की पहल इसलिए शुरू की, ताकि उनके भविष्य को एक उड़ान मिल सके और वे आगे जाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। 


*मेरी आजी अम्मा महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं- सिंधिया*

कार्यक्रम में बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि उनकी आजी अम्मा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कहा करती थीं- जो हाथ एक शिशु के पालने को झुला सकते हैं वो पूरे विश्व को भी चला सकते हैं। सिंधिया ने कहा कि राजमाता ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया, सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल खुलवाए, और बेटियों की शिक्षा के लिए संस्थान भी खोले। उन्होंने कहा कि वे नारी सशक्तिकरण की मिशाल थीं। इस दौरान सिंधिया ने अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा दुलार और फटकार अपनी अम्मा से मिलती थी। 


*मध्यप्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का केंद्र बन चुका है- सिंधिया*

अपने भाषण में सिंधिया ने बताया कि पिछले 15-16 वर्षों में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के भीतर एक अद्भुत परिवर्तन आया है। मध्यप्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म से ही उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजनाएं बनाई हैं। सिंधिया ने कहा कि जब हमारी बेटी 10वीं पास करती है तो उन्हें लैपटॉप दिया जाता है, कन्यादान योजना के अंतर्गत सरकार बेटी के विवाह में सहायता देती है, और विवाह के बाद लाडली बहना योजना के तहत हर माह 1250 रुपए उसके खाते में भेज दिए जाते हैं।

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