*👉" # फोकट_की_राय..!"* *🌿 धीरज, धरम, मित्र अरु नारी ,आपत काल परखिए चारी.. 🌿* – गोस्वामी तुलसीदास जी 💫आज की तेज़ भागती दुनिया ...
*👉" #फोकट_की_राय..!"*
*🌿 धीरज, धरम, मित्र अरु नारी ,आपत काल परखिए चारी.. 🌿*
– गोस्वामी तुलसीदास जी
💫आज की तेज़ भागती दुनिया में, जब रिश्ते "रील" बनकर रह गए हैं और सब्र "स्किप" हो चुका है तब बाबा तुलसीदास जी की ये पंक्तियाँ किसी मशाल की तरह हैं, जो जीवन के अंधेरे मोड़ों पर रोशनी देती हैं।
🟡 धीरज – जब हालात बिगड़ें,परिस्थिति प्रतिकूल हो,तब क्रोध नहीं, धैर्य चाहिए।
🟡 धरम – जब लाभ-हानि की लहरों में डोलो, तब संयम और विश्वास से नैतिकता की नाव पकड़ो।
🟡 मित्र – मुसीबत के समय जो साथ खड़े हों, वही सच्चे मित्र होते हैं ,बाकी तो सिर्फ कॉन्टैक्ट लिस्ट हैं..।
🟡 नारी – एक नारी की मर्यादा,त्याग,उसकी मजबूती और हर परिस्थिति में उसका साथ ,ये हर पुरुष के जीवन की रीढ़ होती है।
👉 आज की पीढ़ी को ये समझना होगा कि रिश्ते और मूल्यों की परख आसान समय में नहीं बल्कि प्रतिकूल समय अर्थात आपतकाल में होती है।
जिसे आप "टेस्ट ऑफ टाइम" कहते हैं।हमारे संत उसे उचित समय पर"परख" कहते थे।
👉सुनो न...!
📌 रिश्तों को परखने से पहले निभाना सीखो,
📌 धैर्य को कमजोरी मत समझो ,यही असली ताकत है,
📌 धर्म को बोझ नहीं, जीवन की रीढ़ बनाओ,
📌 और स्त्री को सिर्फ सम्मान नहीं ,सहयोगी समझो।
💬 सनद रहे कि बाबा तुलसीदास जी की चौपाइयाँ सिर्फ दोहा नहीं, जीवन की दिशा हैं...!इन्हें सिर्फ पढ़कर नही बल्कि गुनकर जिसने समझ लिया,"अर्थ से भावार्थ"तक की यात्रा कर ली,उनका जीवन खुद 'रामचरित' बन जायेगा...।
🙏 सच कहूं तो आइए, इस चौपाई को सिर्फ पढ़ें नहीं ,बल्कि जीवन में उतारें..।
संस्कार-संस्कृति की मशाल अब हमारी पीढ़ी के हाथ में है ,उसे बुझने न दें,बल्कि फैलाये...।🔥
*✍️बृजेश सिंह तोमर*
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