Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

Total Pageviews

गोटू की गोठ आखिर मायने क्या है...?

 🔍 * खबरीलाल की खबर..*🔎(11) *🗞️📣"गोटू की गोठ..!"आखिर मायने क्या है..??....!🗞️* ★-----(✍️बृजेश तोमर)----★ 👇👇👇👇👇👇👇 👉बीत...

 🔍 *खबरीलाल की खबर..*🔎(11)

*🗞️📣"गोटू की गोठ..!"आखिर मायने क्या है..??....!🗞️*

★-----(✍️बृजेश तोमर)----★

👇👇👇👇👇👇👇





👉बीती शाम डकारें लेते और पेट पर हाथ फेरते हुये खबरीलाल जी चले आये।हमने पूछा क्या हुआ,हाजमा बिगड़ गया क्या..?खबरीलाल बोले, नही भाई,"गोटू की गोठ"में खेच के दालबाटी दबा के आ रहे है..!पेट कहता था बस करो,ओर जीभ कहती थी चूरमा के दो-चार लड्डू ओर फटकार लो,सो मैनेजमेंट बिगड़ गया।पेट फटा जा रहा है..!

उत्सुकतावश हमने पूछ लिया भाई,माजरा क्या है..?विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक वनवास काट रहे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन"गोटू"ने यह"गोठ" किस खुशी में कर डाली..?

मुश्किल से पेट पकड़कर कुर्सी में पसरते हुये मुँह नजदीक लाकर खबरीलाल जी बोले-अरे मिया,कुछ होने बाला है..?सत्ता से दूरी सही नही जा रही,सो कालखंड समाप्ति से पहले कुछ करने का ताना बाना रच रहे है।सुना है कि होली के रंग के साथ ही राजनीति के रंग भी बिखेरने के विचार है।जन्मदिन के मौके पर खबरनवीसों के बीच उसी का आगाज है....!

बातचीत को आगे बढ़ाने के क्रम में बोले कि पता है,आजकल "घर का जोगी जोगना,आन गांव का सिद्ध"बाली कहाबत सिद्ध हो रही है।जिस विधानसभा चुनाव में खुद की पार्टी से विद्रोह कर गोटू ने मैनेजमेंट की जो कमान थामी थीऔर जिसके परिणामस्वरूप सिंहासन पर ताजपोशी हुई थी,जीत के बाद ही उनके वनवास की स्थिति बन गयी। वे लुप्तप्राय जीव बनकर रसातल में चले गये।विधायकी घर मे आने के बाद सिंहासन के चारो पायो में से एक भी हांथ में नही रहा।अब क्यो,ये तो राम जाने पर इतना तो तय है कि अब समय रामराज का तो है नही, जो खुद अपनी कुर्सी दुसरो को सौंप दे पर ऐसी भाइबन्दी भी कहाँ कि दूसरा  भी उस पर बैठने को तैयार न हो।अब इस कलयुग में भाइयों के बीच ऐसा प्रेम कहाँ..?अरे अब तो "हार का ठीकरा तेरे सर और जीत का सेहरा मेरा"बाली बात है सो  कुर्सी के इर्द गिर्द भी नही फटक पा रहे।

हालांकि अब अन्तःखाने के अंतर्द्वंद का तो पता नही पर गोटू अब घुट-घुट के जीने के मूड में नही दिख रहे।जल्दी ही टीम इलेवन में आ रहे है,ऐसे संकेत है...!

हमने कुरेदकर पूछा कि मैदान ओर टीम कौन सी है तो खबरीलाल बोले ,तुम सिर्फ इतना समझ लो कि मैच तो तय है,मैदान चाहे कोलारस हो या शिवपुरी...❓और खेलना भी तय है बस किस टीम से यह पत्ता समय आने पर खुलेगा.❓🎯"या तो विरासत या फिर द्वंद...!"

अब खबरीलाल की खबर पर हम अविश्वास करे यह तो ठीक नही लेकिन उनकी खबर ने राजनैतिक विषय पर वैचारिक चेतना अवश्य जागृत कर दी।हम सोचने लगे कि जंग शिवपुरी में उत्तराधिकार पाने की होगी या आमने -सामने के द्वंद की ।अब द्वंद तो संभव है नही फिर...❓

रही बात कोलारस की तो वहाँ बारिस बनाये जाना सम्भव नही,हाँ द्वंद सम्भव है...!

खैर, फिलहाल तो राजनीतिक माहौल गर्म होने में बहुत समय शेष है लेकिन शतरंज की बिसात पर गोटिया फिट करने का समय तो शुरू हो ही गया है सो देखते है आने बाले दिनों में मौसम का मिजाज क्या कहता है..?

बहरहाल खबरीलाल जी डकारते हुये रवाना हुये ओर हम उनकी दूरदर्शिता को देख कर सोच रहे थे कि "वाकई,कमाल की चीज है खबरीलाल जी...!!रस्सी का सांप बनाना तो कोई इनसे सीखे....!"👍

🔍✍️✍️✍️👆✍️✍️🔍

🙏👉 कृपया *"खबरीलाल की खबर"* पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे।अगले अंक में ओर भी मजेदार ओर चुटीली खबरों के साथ मिलेंगे..!🙏🙏

  *(✍️बृजेश सिंह तोमर)*

www.khabaraajkalnews. com

 *📲7999881392*

  *📲9425488524*

✍️✍️✍️✍️शेष फिर..✍️

No comments

Contact Form

Name

Email *

Message *

Latest Articles