मध्यप्रदेश मिशन एक्सपोर्ट : कृषि-निर्यात संवर्धन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम शिवपुरी / कलेक्टर शिवपुरी के मार्गदर्शन में एवं भारतीय कृषि एवं प्र...
मध्यप्रदेश मिशन एक्सपोर्ट : कृषि-निर्यात संवर्धन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
शिवपुरी / कलेक्टर शिवपुरी के मार्गदर्शन में एवं भारतीय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) तथा मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) एक्सपोर्ट सेल के संयुक्त तत्वावधान में आज जिले में कृषि-निर्यात संवर्धन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत शिवपुरी (कृषि विज्ञान केन्द्र, पिपरसैमा रोड) एवं कोलारस (शासकीय नर्सरी, उद्यानिकी विभाग) में सत्र संपन्न हुए। आयोजन में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग का सक्रिय सहयोग रहा तथा लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि श्री भूपेन्द्र रावत भी उपस्थित रहे।
एपीडा भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख प्राधिकरण है, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। एपीडा द्वारा किसानों, एफपीओ एवं कृषक-उद्यमियों को गुणवत्ता प्रमाणन, प्रयोगशाला परीक्षण, पैकेजिंग-लेबलिंग, ट्रेसबिलिटी प्रणाली तथा वैश्विक बाजार से संपर्क उपलब्ध कराया जाता है।
प्रशिक्षण सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा किसानों को अवगत कराया गया कि निर्यात हेतु प्रत्येक उत्पाद जैसे – अनाज, दालें, टमाटर, मूंगफली, लहसुन, फल, सब्जियाँ, मसाले, शहद, तेल एवं प्रसंस्कृत उत्पाद – के लिए अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानक निर्धारित हैं। किसानों को बताया गया कि निर्यात के लिए स्वच्छ उत्पादन प्रक्रिया, जैविक प्रमाणन, अवशेष-मुक्त खेती, सुरक्षित पैकेजिंग एवं लेबलिंग अनिवार्य है। साथ ही उन्हें यह भी जानकारी दी गई कि कौन से रसायन एवं कीटनाशक अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्वीकार्य नहीं हैं तथा किन मानकों का पालन आवश्यक है।
एमपीआईडीसी एक्सपोर्ट सेल इस पहल के माध्यम से जिले के अधिक से अधिक किसानों एवं एफपीओ को निर्यात-उन्मुख बनाने का प्रयास कर रहा है। उद्देश्य है कि किसानों का विजन व्यापक हो तथा वे अपने उत्पादों को घरेलू बाजार से आगे बढ़ाकर वैश्विक बाजार तक पहुँचा सकें। इस दिशा में भविष्य में निर्यात संबंधी हैंडहोल्डिंग, दस्तावेजीकरण, गुणवत्ता परीक्षण एवं बाजार संपर्क जैसी सुविधाएँ किसानों को उपलब्ध कराई जाएँगी।
आज आयोजित सत्रों में जिलेभर से सैकड़ों किसान, एफपीओ प्रतिनिधि एवं कृषक-उद्यमी सम्मिलित हुए। उपस्थित किसानों ने निर्यात से जुड़ी अपनी समस्याएँ साझा कीं तथा अपने प्रमुख उत्पाद जैसे टमाटर, मूंगफली, लहसुन, मसाले, शहद, अनाज एवं सब्जियाँ वैश्विक बाजार में पहुँचाने की इच्छा व्यक्त की। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित मानकों का पालन किया जाए तो इन उत्पादों की वैश्विक मांग में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।
सत्र उपरांत एपीडा एवं एमपीआईडीसी की टीम द्वारा जिले के टमाटर उत्पादन क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण भी किया गया। टीम ने किसानों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए उत्पादन प्रणाली का अवलोकन किया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार की संभावनाओं एवं गुणवत्ता मानकों की जानकारी प्रदान की।
अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने यह मत व्यक्त किया कि यह पहल केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जिले में निर्यात-आधारित कृषि उद्योग के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगी। इससे शिवपुरी जिले के किसानों को नए बाजार, बेहतर मूल्य एवं उत्पादों की वैश्विक पहचान प्राप्त होगी। साथ ही, स्थानीय स्तर पर कृषि-आधारित उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा तथा किसानों की आय में स्थायी वृद्धि होगी। आगामी समय में ऐसे प्रशिक्षण एवं परामर्श कार्यक्रम जिले की अन्य तहसीलों में भी आयोजित किए जाएंगे।
आज के सफल आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि यदि किसानों को सही मार्गदर्शन, आवश्यक प्रमाणन एवं बाजार संपर्क उपलब्ध कराया जाए तो शिवपुरी जिला कृषि-निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है। एपीडा एवं एमपीआईडीसी की यह संयुक्त पहल किसानों को “निर्यात-रेडी” बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
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