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ठेकेदार के वकील ने वापस लिया प्रकरण निरस्ती का आवेदन, जमानत आवेदन लगेगा अगले हफ्ते

  ठेकेदार के वकील ने वापस लिया प्रकरण निरस्ती का आवेदन, जमानत आवेदन लगेगा अगले हफ्ते जमानत में देरी के बीच बढ़ सकती है पुलिस की सक्रियता, पह...

 ठेकेदार के वकील ने वापस लिया प्रकरण निरस्ती का आवेदन, जमानत आवेदन लगेगा अगले हफ्ते

जमानत में देरी के बीच बढ़ सकती है पुलिस की सक्रियता, पहले से ही हो रही है छीछलेदारी 


शिवपुरी। सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त होने के बाद ठेकेदार अर्पित शर्मा वकीलों ने हाईकोर्ट ग्वालियर में कवायद शुरू की। एडवोकेट संकल्प शर्मा ने एफआईआर निरस्ती का आवेदन लगाया था, जबकि एडवोकेट राकेश शर्मा एवं राजेश शुक्ला को जमानत आवेदन के लिए नियुक्त किया है। सूत्रों का कहना है कि बुधवार को संकल्प ने प्रकरण निरस्ती का आवेदन वापस ले लिया, जबकि जमानत का आवेदन लगाने के लिए वकीलों ने एक सप्ताह का समय मांगा है। 

गौरतलब है कि नपा में गिट्टी-डस्ट के भ्रष्टाचार की जांच एसडीएम ने करने और उसमें 16 लाख का घोटाला प्रमाणित पाए जाने पर नपा के दो इंजीनियर एवं शिवम् कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अर्पित शर्मा के खिलाफ कोतवाली में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने दोनों इंजीनियरों को तो गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया था, लेकिन ठेकेदार की गिरफ्तारी ना होने की वजह से पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया था। इनाम होने के बाद भी एक।माह गुजरने को है, लेकिन पुलिस ठेकेदार को गिरफ्तार नहीं कर पाई। 

इस दौरान ठेकेदार के परिजनों ने शिवपुरी जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए जिला अभिभाषक संघ के जिलाध्यक्ष से आवेदन लगवाया था जमानत निरस्त होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार की ओर से एफआईआर निरस्त करवाने के लिए आवेदन एड. संकल्प शर्मा से लगवाया, जबकि जमानत के लिए सीनियर एड. राकेश शर्मा एवं राजेश शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई। हाईकोर्ट ग्वालियर में जज पुष्पेंद्र यादव एवं आनंद पाठक की डबल बैंच के सामने एडवोकेट संकल्प शर्मा ने एफआईआर निरस्ती का आवेदन विड्रॉल कर लिया। जबकि जमानत के लिए वकीलों ने आवेदन लगाने के लिए अगले हफ्ते का समय मांगा है। ज्ञात रहे कि यह मामला पहले हाईकोर्ट जज राजेश कुमार गुप्ता की अदालत में था, जिसे उन्होंने यह कहते हुए दूसरी अदालत में ट्रांसफर किया था कि मैं किन्हीं कारणों से इसे नहीं सुन सकता। 

इसलिए मुश्किल होगी जमानत

अभी तक तो मामला 16 लाख के भ्रष्टाचार का था, लेकिन पिछले दिनों एडीएम की जांच में यह खुलासा होने पर कि ठेकेदार अर्पित शर्मा को बीते तीन साल में 5 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया। साथ ही एडीएम ने नपा में हुई पूरी भुगतान प्रणाली को ही संदिग्ध माना है। ऐसे में अब ठेकेदार के साथ 16 लाख के अलावा 5 करोड़ का भुगतान और भी जुड़ गया। उधर आपत्ति लगाने के लिए तैयार बैठे वकील को भी जांच रिपोर्ट से काई ग्राउंड मिल गए। यही वजह है कि ठेकेदार के वकील जमानत आवेदन के लिए तारीखें बढ़वा रहे हैं।

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