एनएचएआई ने दुर्घटनाओ के बाद लिया संज्ञान भोपाल। भोपाल ब्यावरा फोरलेन की बदहाल स्थिति पर आखिरकार एनएचएआई के जिम्मेदारों का ध्यान गया और उ...
एनएचएआई ने दुर्घटनाओ के बाद लिया संज्ञान
भोपाल। भोपाल ब्यावरा फोरलेन की बदहाल स्थिति पर आखिरकार एनएचएआई के जिम्मेदारों का ध्यान गया और उन्होंने इस पर नाराजगी जताई है। अब निर्माण एजेंसी सीडीएस को दोबारा इसकी मरम्मत करना होगी। साथ ही कुरावर व श्यामपुर के ओव्हरब्रिज भी सुधारे जाएंगे। सबसे खास बात यह है कि नरसिंहगढ़ बायपास पर फ्लाईओव्हर बनाया जाएगा। यहां ज्यादा हादसे होते हैं लेकिन 1087 करोड़ के प्रोजेक्ट में ड्राइंग में नहीं होने से फ्लाईओवर निर्माण टल गया था।दरअसल बाइपास व्यवस्थित नहीं होने से नरसिंहगढ़ के बाहर निकले रोड पर हादसे हो रहे थे। कई बार कई लोगों की जान इसमें चली गई। रोड निर्माण के दौरान जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया साथ ही उस हिसाब से ड्राइंग.डिजाइन तैयार नहीं की गई। जिससे वह बन नहीं पाया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इसमें रुचि नहीं दिखाई इसीलिए ब्रिज टलता रहा। बाद में जब हादसे बढ़े तो दोबारा इसकी मांग उठी. साथ ही रोड में भी तरह.तरह की खामियां समझ आने लगीं तब जाकर एनएचएआई ने यह माना कि दिक्कत है। अब पूरे मार्ग को लेकर दोबारा सर्वे किया जाएगा. साथ नए सिरे से मेजरमेंट तैयार किया जाएगा।1087 करोड़ वाला भी रीटेंडर इसलिए क्वालिटी नहीं वष.र्2018 में 1087 करोड़ रुपए की लागत से बने भोपाल ब्यावरा फोरलेन के निर्माण में शुरुआत से ही दिक्कतें रही हैं। न रोड ढंग का बना न ही इसमें संबंधित एजेंसी ने पौधरोपण कराया। 1087 करोड़ की मोटी रकम भी 120 किमी के फोरलेन में रीटेंडर के माध्यम से हुई। इसीलिए कहीं ऊपर तो कहीं नीचे और कहीं उबडख़ाबड़ यह रोड क्वालिटी में भी शुरुआत से ही पिछड़ी रहा है। अब दोबारा होने वाले सर्वे और मेंटनेंस से कुछ उम्मीदें जागी हैं।
प्रोजेक्ट पुराना था इसलिए नहीं बना था
जानकारी के अनुसार भोपाल ब्यावरा फोरलेन पुराना प्रोजेक्ट था। 2012 में हैदराबाद की टांसट्रॉय कंपनी के काम छोड़ जाने के बाद हर बार इसका टेंडर रिनिवल का ही हुआ। यानि फ्रेश प्रोजेक्ट नहीं रहने से यह ब्रिज का मामला टलता रहा है। अब एनएचएआई दोबारा इस पर विचार कर रही है। जिसमें अंदेशा लगाया जा रहा है कि जल्द ही एनएच की टीम इसका सर्वे करेगी और नए सिरे से फ्लाइओव्हर बनाएगी जिससे काफी हद तक वाहन चालकों को राहत और मदद मिल जाएगी।
नई योजना बनाई जा रही है
एनएचएआई भोपाल के रीजनल मैनेजर विवेक जायसवाल बताते हैं कि हम नए सिरे से नरसिंहगढ़ में फ्लाईओव्हर का सोच रहे हैं। हालांकि काफी चौड़ाई में वहां रोड है लेकिन जरूरत के हिसाब से हम योजना बना रहे हैं जिससे काफी मदद हादसे रोकने में मिलेगी। साथ ही पूरे मार्ग की मरम्मत व मेंटनेंस इत्यादि भी नए सिरे से करवाएंगे।
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