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क्लोरीन गैस रिसाव नहीं रोका जाता, तो बिगड़ जाती स्थिति आसपास की बस्तियों में मच गया था हाहाकार

  भोपाल।  राजधानी में नगर निगम के ईदगाह हिल्स स्थित जलशोधन संयंत्र में क्लोरीन गैस के रिसाव को अगर समय पर नहीं रोका जाता तो स्थिति और बिगड़ ज...

 भोपाल। राजधानी में नगर निगम के ईदगाह हिल्स स्थित जलशोधन संयंत्र में क्लोरीन गैस के रिसाव को अगर समय पर नहीं रोका जाता तो स्थिति और बिगड़ जाती। आसपास की बस्तियों में हाहाकार मच गया। रहवासियों की आंखो में जलन होने लगी, उनका दम घुटने लगा। जिससे लोग घर छोड़कर सड़क में आ गए और मदद की गुहार लगाने लगे। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बिना समय गंवाए सिलेंडर को उठाकर प्लांट में बने पांच फीट गहरे टैंक में फेंक दिया। जिससे क्लोरीन गैस हवा में मिलने के बजाए तेजी से पानी में मिश्रित होने लगी। इसके साथ ही पानी के टैंक में बड़े पैमाने पर चूना डाला गया, जिससे गैस का असर कम हो सके। इसके बाद लोगों को क्लोरीन की गंध के साथ ही आंखों में जलन और खांसी से राहत मिली। रहवासियों की आंखो में जलन होने लगी, उनका दम घुटने लगा। जिससे लोग घर छोड़कर सड़क में आ गए और मदद की गुहार लगाने लगे। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। हालांकि तब तब गैस का रिसाव कम हो गया था। लेकिन इससे आधा दर्जन से अधिक रहवासियों की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।नगर निगम में जलकार्य विभाग के मुख्य अभियंता उदित गर्ग ने बताया कि फिल्टर फ्लांट में क्लोरीन मिलाने के दौरान सिलेंडर में रिसाव हो गया था। 900 किलोग्राम के इस सिलेंडर का जोड़ खुलने से यह घटना हुई थी। क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना करीब सात बजे फायर ब्रिगेड को मिली। करीब 10 मिनट में फतेहगढ़ से दमकलों सहित फायर फाइटर्स मौके पर पहुंच गए। फायर फाइटर ब्रीथिंग आपरेटर (बीए) सेट पहनकर सिलेंडर का लीकेज बंद करने की कोशिश की गई, लेकिन सिलेंडर का ज्वाइंट खुलने से ऐसा नहीं हो सका। जिसके बाद क्रेन की मदद से करीब डेढ़ टन वजनी के क्लोरीन सिलेंडर को उठाकर पांच फीट गहरे वाटर टैंकर में डाला गया। साथ ही क्लोरीन को डिजाल्व करने के लिए कास्टिक सोडा और चूना मिलाया गया। एक क्लोरीन सिलेंडर का वजन करीब डेढ़ टन होता है, जिसमें 900 किलो लिक्विड क्लोरीन गैस भरी होती है। जलशोधन संयंत्र में एक सिलेंडर तीन से चार दिन चलता है। प्लांट में जो क्लोरीन सिलेंडर रखे हुए हैं, उनमें से ज्यादातर सिलेंडरों में जंग लग चुकी है। कई सिलेंडरों में जंग की वजह से नोजल के आसपास का हिस्सा कमजोर हो चुका है। जिस सिलेंडर से गैस का रिसाव हुआ उसके ज्वाइंट के आसपास भी जंग लगी हुई थी, जिसकी वजह से ज्वाइंट खुल गया। जब लोगों को मालूम हुआ कि फिल्टर प्लांट में क्लोरीन गैस के रिसाव हुआ था, तो लोग सड़क पर इकट्ठा हो गए और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लोगों का कहना था कि उनके घरों में बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो गए हैं। कई लोगों को अस्पताल लेकर जाना पड़ा है। गैस की वजह से आंखें सुर्ख लाल हो रही है। कई लोगों को चक्कर आ रहे हैं और कई को उल्टियां हो रही हैं। ऐसे में नगर निगम को लोगों को मुआवजा देना चाहिए। इस बारे में कलेक्टर भोपाल अवनीश लवानिया का कहना है कि फिल्टर प्लांट में क्लोरीन मिलाने के दौरान गैस रिसाव होने से यह हादसा हुआ है। इससे कुछ लोगों की आंखो में जलन और दम घुटने की शिकायत आई है। उनकी तबियत बिगड़ने पर हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालात अब हालत कंट्रोल में है।


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