शिवपुरी/ सिंधिया के हस्तक्षेप से गरजा बुलडोज़र, कोलारस की 65 बीघा वन भूमि अतिक्रमण मुक्त प्रशासन, वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई शिवप...
शिवपुरी/ सिंधिया के हस्तक्षेप से गरजा बुलडोज़र, कोलारस की 65 बीघा वन भूमि अतिक्रमण मुक्त
प्रशासन, वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
शिवपुरी/कोलारस/ शिवपुरी जिले के कोलारस क्षेत्र में आज एक और बड़ी कार्रवाई में वन विभाग की लगभग 65 बीघा आरक्षित वन भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। यह कार्रवाई केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्पष्ट निर्देशों और सक्रिय पहल पर संभव हो सकी।
जानकारी के अनुसार कोलारस के सेसई बीट (वन परिक्षेत्र कोलारस) अंतर्गत अतिक्रमणकर्ता रामनिवास गुर्जर, निवासी सजवाया द्वारा आरक्षित वन भूमि पर कच्चे-पक्के निर्माण, पत्थर की दीवारें एवं खड़ंजा बनाकर अवैध कब्जा किया गया था। पूर्व में वन विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद आज केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद उक्त कार्रवाई प्रारंभ की गई।
3 जेसीबी मशीने, 120 से अधिक पुलिस बल ने हटाया अतिक्रमण
आज चली उक्त कार्रवाई में प्रशासन की 03 जेसीबी मशीने, 120 से अधिक पुलिस बल और वन विभाग व राजस्व विभाग की टीमों ने भाग लिया। कार्रवाई स्थल पर पुलिस अधीक्षक शिवपुरी, एसडीएम कोलारस, तहसीलदार, वन परिक्षेत्राधिकारी धनपाल जाटव तथा पुलिस निरीक्षक आशीष जैन समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सिंधिया की दृढ़ प्रतिबद्धता
विदित हो कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पूर्व में भी शिवपुरी जिले में 275 बीघा वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण, कानूनी शासन और जनहित में वे लगातार प्रशासन को सक्रिय कर ऐसी कार्रवाइयाँ सुनिश्चित करा रहे हैं।
वन भूमि के रूप में संरक्षित होगी भूमि
इस कार्यवाही में लगभग 65 बीघा आरक्षित वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया तथा अवैध निर्माण जैसे मकान, दीवारें और अन्य ढांचों को ध्वस्त किया गया।तथा उक्त भूमि पर अवैध अतिक्रमणकारी प्रजातियों को हटाकर भूमि पुनः वन भूमि के रूप में संरक्षित की गई। साथ ही जल्द भविष्य में दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए भूमि पर बीज बुवाई एवं वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।
यह कार्रवाई प्रशासन, वन विभाग एवं पुलिस बल के समन्वय से शांतिपूर्ण व प्रभावी ढंग से संपन्न की गई। जो जनहित, पर्यावरण संरक्षण और वन भूमि की रक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम है।
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