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अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की रणनीति की छीछालेदर होने की अंतरकथा

  अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की रणनीति की छीछालेदर होने की अंतरकथा -नपा उपाध्यक्ष खैमे के पार्षद बने मजाक के पात्र, 18 पार्षदों ने अविश्वास प्र...

 अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की रणनीति की छीछालेदर होने की अंतरकथा

-नपा उपाध्यक्ष खैमे के पार्षद बने मजाक के पात्र, 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर वैरीफेकेशन में लिया भाग, जबकि नपा उपाध्यक्ष ने शाम होते होते अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का कलेक्टर को थमा दिया पत्र 

-अशोक कोचेटा-


शिवपुरी । नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के विरूद्ध विरोधी पार्षदों की अविश्वास लाने की मुहिम की हवा निकल गई। कल कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी के समक्ष नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले 22 पार्षदों की उनके हस्ताक्षर पुष्टि हेतु पेशी हुई जिसमें 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर की पुष्टि की। इनमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद भी शामिल थे। जबकि नपा उपाध्यक्ष सरोज रामजी व्यास जो इस मुहिम का नेतृत्व कर रही थी वह कलेक्ट्रेट तक तो पहुंची लेकिन अपनी कार से नहीं उतरी। देर शाम उनके पति रामजी व्यास ने पार्षद ताराचंद राठौर और पार्षद पति इस्माईल खान के साथ जाकर कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी को 14 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंप दिया। जिसमें इन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की बात कही थी। खास बात यह भी रही पार्षद ताराचंद राठौर एक तरफ अविश्वास प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर की पुष्टि की वहीं दूसरी ओर दो घंटे बाद ही वह अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का पत्र लेकर नपाउपाध्यक्ष के पति के साथ कलेक्टर के पास पहुंच गए। इससे साफ है कि अध्यक्ष विरोधी पार्षद स्पष्ट रूप से दो खैमो में बट गए हैं। इससे अविश्वास प्रस्ताव के समर्थक पार्षदों के चेेहरों पर हवाई उड़ गई हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस विकट स्थिति से वह बाहर कैसे निकलें। क्योंकि बगीचा सरकार हनुमान मंदिर के समक्ष उन्होंने शपथ ली थी कि या तो वह नपाध्यक्ष को पद से हटा देंगे और यदि हटाने में सफल नहीं हुए तो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन एक तरफ तो अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया गया है वहीं दूसरी ओर अभी तक किसी भी अध्यक्ष विरोधी पार्षद ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। इससे वह जनता की नजर में हंसी और उपहास के पात्र अवश्य बन गए हैं। 

नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्र्मा के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव की हवा निकलने का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास, भाजपा जिला उपाध्यक्ष और पार्षद ओमी जैन तथा पार्षद ताराचंद राठौर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दवाब में आ गए थे। इस बात की पुष्टि पार्षद राजू गुर्जर ने की। राजू गुर्जर ने बताया कि अध्यक्ष विरोधी अधिकांश पार्षद उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर डटे रहने के पक्ष में थे। चाहे इसका परिणाम कुछ भी क्यों न आए। यह निर्र्णय हुआ था कि यदि अध्यक्ष के खिलाफ उनका अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो वे पद से इस्तीफा देकर बगीचा सरकार के समक्ष खाई गई अपनी शपथ की रक्षा करेंगे। लेकिन पार्टी के दवाब में कुछ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने के लिए उन पर दवाब डाल रहे थे और उनका कहना था कि यदि भाजपा संगठन पूरे मामले को निपटाने के लिए हमसे तीन माह का समय मांग रहा है तो यह समय देना चाहिए। कलेक्टर की बैठक से एक दिन पहले स्टार गोल्ड होटल में अध्यक्ष विरोधी पार्षदों की बैठक हुई और जिसमें विभिन्न पार्षदों ने अपना-अपना मत रखा। पार्षद राजू गुर्जर, पार्षद पति रत्नेश जैन डिम्पल, गौरव सिंघल, पार्षद पति अनिल बघेल, पंकज महाराज आदि पार्षदों का स्पष्ट कहना था कि हमें अविश्वास प्रस्ताव पर डटे रहना चाहिए। तभी हम बगीचा सरकार के समक्ष खार्ई अपनी शपथ की गरिमा का निर्र्वहन कर पाऐंगे। जबकि नपा उपाध्यक्ष गायत्री शर्र्मा के पति रामजी व्यास, ओमी जैन, विजय विंदास, आदि पार्षदों का कहना था कि हमारी लड़ाई गायत्री शर्मा से हैं न कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव से हैं।  इसलिए पार्टी संगठन यदि हमसे पूरे मामले को निपटाने और अध्यक्ष को हटाने के लिए तीन माह का समय मांग रहा है तो हमें समय देना चाहिए। इस पर दूसरे पार्षदों का कहना था कि हम जनता को कैसे मुंह दिखाऐंगे। हम पर पद से चिपके रहने का आरोप लगेगा। इसलिए ऐसा कोई रास्ता निकालना चाहिए जिससे काम भी हो जाए और कोई दिक्कत न आए। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद फैंसला हुआ कि एक तरफ हम अविश्वास प्रस्ताव वापस लेंगे साथ ही अपने इस्तीफे कलेक्टर को सौंप देंगे। कुछ टाल मटोल के बाद यह तय हो गया कि अविश्वास प्रस्ताव का पत्र वापस लिया जाएगा और कलेक्टर को अपने इस्तीफे सौंप दिए जाऐंगे। हालांकि उस समय पार्षद पति रत्नेश जैन डिम्पल इससे असहमत रहे। लेकिन 14 पार्षदों के हस्ताक्षर को आम राय माना गया। अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का पत्र तैयार किया गया जिसे रामजी व्यास को सौंपा गया और पार्षदों के इस्तीफे के पत्र कांग्रेस पार्षद के पति को सौपे गए। हालांकि कांग्रेसी पार्षदों में कुछ हिचक रही। उनका कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं आएगा और हमारे इस्तीफे हो जाऐंगे तो फिर पूरी लड़ाई का अर्थ क्या हुआ। उन्हें यह भी डर था कि ऐसा न हो भाजपा पार्षदों के इस्तीफे स्वीकार न हों और कांग्रेसी पार्षदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाऐं। इस सोच के बाद कल कांग्रेस पार्षद संजय गुप्ता पप्पू ने अपना निर्णय सुना दिया कि अविश्वास प्रस्ताव वापस नहीं होगा। बताया जाता है कि इस पर सभी ने अपनी सहमति व्यक्त कर दी। इसके बाद कल दोपहर ढाई बजे 18 पार्षदों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अविश्वास प्रस्ताव की पुष्टि कर दी लेकिन शाम होते-होते उपाध्यक्ष के साथ उनके पति और दो पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का पत्र कलेक्टर को थमा दिया। 

वॉक्स:-

तीन पार्षदों ने पार्टी के दवाब में की अध्यक्ष विरोधी मुहिम फैल

नगर पालिका में निर्दलीय रूप से निर्वाचित और बाद में भाजपा में शामिल हुए पार्षद राजू गुर्जर ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास, पार्षद ओमी जैन और पार्षद ताराचंद राठौर ने अध्यक्ष विरोधी मुहिम को फैल करने में मुख्य भूमिका का निर्वहन किया है। अविश्वास प्रस्ताव के पत्र पर सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाले ओमी जैन थे जिसकी पुष्टि रामजी व्यास ने की। श्री व्यास ने बताया कि दो पार्षद सरोज धाकड़ और गोपी शर्मा की पत्नि के हस्ताक्षर वह घर से कराकर लाए। हालांकि पार्षद पति रत्नेश जैन डिम्पल ने हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था और पार्षदों के निर्णय के बाद ही उन्होंने इस निर्णय से प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव को अवगत कराया। जिन्होंने आश्वासन दिया कि एक दो माह में पूरे मामले का समाधान हो जाएगा। पार्षद राजू गुर्जर का कहना है कि रामजी व्यास और ओमी जैन ने पार्षदों से कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष को हटाने का उन्हें आश्वासन दिया है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि किसने आश्वासन दिया है तो उनका जवाब था नाम हम बता नहीं सकते। क्योंकि गंगाजली उठा चुके हैं। 

वॉक्स:- 

हताश राजू गुर्जर बोले कल में कलेक्टर को सौंपूगा अपना इस्तीफा 

अध्यक्ष विरोधी मुहिम मुखर रूप से चलाने वाले पार्षद राजू गुर्जर ने कहा कि जिस तरह का घटनाक्रम घटित हुआ है उससे मैं बहुत निराश हूं और इस स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रहा। क्या दुनिया में बिल्कुल भी धर्म ईमान नहीं बचा हैं। पद और पैसे के चक्कर में लोग भगवान को भी नहीं बख्श रहे हैं। कल तक हनुमान जी को नेता मानने वाले आज दूसरे नेताओं के तलवे चाट रहे हैं। ऐसे माहौल में पद पर बने रहने का कोई अर्थ नहीं है। चूंकि आज जनसुनवाई है इसलिए मैं कल कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी को जाकर अपना इस्तीफा सौंपूगा और घर बैठूंगा। जिसे जो करना है वह करने के लिए स्वतंत्र है। कम से कम मैं हनुमान जी के समक्ष नीचा तो नहीं देखूंगा।

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