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एक और प्रेमी जोड़े ने दी जान, बीते 20 दिन में तीन प्रेमी युगल छोड़ गए दुनिया

  एक और प्रेमी जोड़े ने दी जान, बीते 20 दिन में तीन प्रेमी युगल छोड़ गए दुनिया समाजशास्त्र के प्रोफेसर बोले: मोबाइल से बिगड़ यह हालात, अभिभा...

 एक और प्रेमी जोड़े ने दी जान, बीते 20 दिन में तीन प्रेमी युगल छोड़ गए दुनिया

समाजशास्त्र के प्रोफेसर बोले: मोबाइल से बिगड़ यह हालात, अभिभावकों का विरोध भी गलत



शिवपुरी। जिले की खोड चौकी अंतर्गत ग्राम छतपुरा में एक प्रेमी युगल ने पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। मृतकों के बारे में बताया जाता है कि उनके प्रेम प्रसंग की जानकारी ना केवल उनके परिजनों को, बल्कि पूरे गांव को थी। बावजूद इसके प्रेमी युगल को यह दुनिया छोड़ने पड़ गई। पिछले 20 दिन में प्रेमी युगल के जान देने का यह तीसरा मामला है। इस संबंध में समाजशास्त्र के प्रोफेसर का कहना है कि मोबाइल ने युवाओं की दिशा बदल दी है, लेकिन प्रेम जैसे मामले में परिजनों को विरोध नहीं करना चाहिए। 

जिंदगी जीने का नाम है-मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं। यह स्लोगन आज की पीढ़ी पर स्टीक नहीं बैठ रहा, क्योंकि आए दिन प्रेमी युगल के दुनिया छोड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। खोड चौकी 

बीतेअंतर्गत ग्राम छतपुर में रहने वाला 20 वर्षीय कुलदीप परिहार, अपने गांव की ही एक 18 वर्षीय लड़की से प्रेम करता था। जिसकी जानकारी परिजन के अलावा पूरे गांव को भी थी। बताते हैं कि लड़की के पिता इस संबंध को लेकर नाराज थे।

बीते बुधवार की शाम लड़की एकाएक अपने घर से गायब हो गई, तो उसकी मां अपनी बेटी को तलाशने के लिए कुलदीप के घर पहुंची। वहां जाकर पता चला कि कुलदीप भी अपने घर से गायब है। दोनों के परिजन अपने बच्चों की तलाश में रात भर भटकते रहे, लेकिन गुरुवार की अलसुबह गांव के बाहर एक पेड़ पर दोनों प्रेमी-प्रेमिका की लाश फांसी के फंदे पर लटके मिले। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को नीचे उतरवाया। शिवपुरी जिले में प्रेमी युगल की यह तीसरी मौत है, इससे पहले अमोला पुल के नीचे सिंध नदी में प्रेमी युगल के शव मिले थे, तो वहीं खनियाधाना में भी एक प्रेमी युगल ने जहर गटक कर अपनी जान दे दी थी। 

जीवन भर का दर्द दे रहे बच्चे

किसी भी परिवार में जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनके अभिभावक उनके उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद करते हैं। लेकिन जब यही बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता के सपनों को तोड़कर जब प्रेम प्रसंग के चलते अपनी जान दे देते हैं, तो उनके अभिभावक जीवन भर का दर्द सहन करते हैं l। प्रेमी युगल तो यह दुनिया छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन उनके माता-पिता अपनी शेष जिंदगी में उनकी मौत के कारणों को छुपाते हुए शर्मिंदगी में जीवन व्यतीत करते हैं। 

बोले समाजशास्त्र के प्रोफे.: प्रेम में बाधक न बनें

यदि कोई लड़का और लड़की प्रेम करते हैं तो उनके परिजनों को इसका विरोध नहीं करना चाहिए। बल्कि उनका विवाह करवा देना चाहिए। क्योंकि उनके जीवन से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। आज के दौर में जिस तरह के केस सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर तो शादी पूर्व परिचितों के बीच होती है, तो फिर इस तरह की घटनाएं सामने नहीं आएगी।

प्रोफेसर अरविंद शर्मा, समाजशास्त्र पीजी कॉलेज शिवपुरी

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