सिंधिया परिवार की बॉम्बे कोठी, अब हुई ताज होटल मुंबई की...! कोठी के 5 कमरों को ताज मैनेजमेंट बना रहा खूबसूरत सुविधाजनक, 15 झोपडी भी बनेंगी...
सिंधिया परिवार की बॉम्बे कोठी, अब हुई ताज होटल मुंबई की...!
कोठी के 5 कमरों को ताज मैनेजमेंट बना रहा खूबसूरत सुविधाजनक, 15 झोपडी भी बनेंगी
शिवपुरी। सिंधिया राजवंश ने अपने परिवारजनों के लिए बनाई बॉम्बे कोठी, अब ताज होटल मुंबई की हो गई। जिसका एग्रीमेंट होने के बाद अब जल्द ही ताज की निर्माण टीम इसे वीवीआईपी सैलानियों के रुकने के लिए सुविधाजनक और खूबसूरत बनाएगी। कोठी का हिसाब-किताब हो जाने की वजह से अब केंद्रीय मंत्री एवं सिंधिया परिवार के मुखिया पर्यटन विभाग के होटल टूरिस्ट विलेज में रुकते हैं।
देश की मायानगरी मुंबई में ताज होटल अपनी खूबसूरती और आधुनिक सुख सुविधाओं के लिए देश हो नहीं विदेशों में पहचाना जाता है। इसके अलावा आतंकवादी घटना भी इसी होटल में अंजाम दी गई थी। यह ताज होटल देश भर में अपनी फ्रेंचाइजी देकर होटलों को अपने स्वरूप में बनाकर उनमें सुविधाएं भी मुंबई की तर्ज पर देता है।
चूंकि शिवपुरी में टाइगर आने के बाद सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है, और विदेशी सहित देश के धनाढ्य परिवारों के लिए अभी तक केवल टूरिस्ट विलेज ही है, जो पर्यटन विभाग द्वारा संचालित है। सीजन पर कई बार टूरिस्ट विलेज भी फुल हो जाता है, तो फिर सैलानियों रूम खाली होने का इंतजार करना पड़ता था। टूरिस्ट विलेज से भी बेहतर सुविधाएं मुंबई के ताज होटल में रहती हैं, जो अब भविष्य में बॉम्बे कोठी ताज या फिर ताज बॉम्बे कोठी में रुकने वाले सैलानियों को मिलेंगी।
जंगल में होगा मंगल
ताज होटल से केवल बॉम्बे कोठी का ही एग्रीमेंट नहीं हुआ, बल्कि छत्री परिसर के अंदर 9 एकड़ जंगल जमीन भी दी है। उस जमीन पर लगभग 15 झोपड़ीनुमा क्वार्टेज बनाए जाएंगे, जिनका किराया बॉम्बे कोठी के रूम से कुछ ही कम होगा। यानि बॉम्बे कोठी के 5 रूम और 15 क्वार्ट्ज, यानि कुल 20 सैलानी रुक सकते हैं।
कुछ दिन से आने लगा तेंदुआ
जिस छत्री परिसर में बॉम्बे कोठी है, उसके पास हो माधव टाइगर रिलीजर्व भी है, इसलिए पार्क के वन्यजीव अक्सर इस जंगल में आ जाया करते हैं। बताते हैं कि पिछले कुछ दिन से तेंदुआ भी नजर आने लगा है। इसके अलावा हिरण, मोर, नीलगाय, लंगूर सहित अन्य वन्यजीव आते-जाते रहते हैं।
पूरी तरह से प्राकृतिक आवास है बॉम्बे कोठी
छत्री परिसर में स्थित बॉम्बे कोठी को पूरी तरह से प्राकृतिक आवोहवा के एक बीच कुछ इस तरह से बनाया गया, जिसमें सूर्योदय की पहली किरण और सूर्यास्त की आखिरी किरण बॉम्बे कोठी के पूर्व और पश्चिम दिशा में अंदर तक आती है। इसके अलावा वो पूरी तरह से हवादार बना हुआ है।
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